Pages

Tuesday, September 25, 2012

ये मोहब्बत जो ना कराये थोडा


ये मोहब्बत जो ना कराये थोडा 

अभी अभी मिली खबर के अनुसार एक हसीना का का दिल एक हसीं पर आ गया है अब आप कहेंगे इसमें क्या खास है दिलों का कारोबार तो आम है ...हसीन/हसीना लगना पूरी तरह दिल का मामला है इसमें दोनों पार्टी का वास्तव में हसीन होना मायने नहीं रखता ... लड़का भी बेनजीर है और लड़की भी हिना की तरह सुर्ख उफ़ ..क्या कहें मुल्क के मुल्क फ़िदा है यहाँ तक हमारे कृष्णा पर भी ऐसी मोहनी डाली है के बेचारे खुद माया में फंस गए है ... बेचारे अब्बू जान की जान सांसत में फसी है क्या क्या संभाले घर-आँगन दोनों आफत में है ... अब मोम और आग को साथ रखोगे तो यही होना है और भारतीय उपमहाद्वीप प्रेम के मामले में बहुत उपजाऊ है ..यहाँ प्यार बस प्यार देखता है उसे शादी ...उसके साथ जुडी आबादी ..धर्म जाति और आजकल जेंडर कुछ दिखाई नहीं देता . अब सारे चैनल एक सुर में राग बिलावल बजायेंगे और खुद भी झूमेंगे और जनता को भी झुमायेंगे ...भस्मासुर टाइप कहानी नहीं हो गई जो हथियार विदेशो को तबाह करने के लिए तैयार किया था बस ...वापस खुद पर चल गया... इनकी माने तो दोनों प्रेमी कुछ सुनने को तैयार नहीं है... 

अंधे इश्क के कहाँ सुनते है 
दिन रात आह भरा करते है 
अक्स दिलबर का आँखों में
भरे बाज़ार मजनू बने फिरते है 
रिश्ते पुराने अजीब लगते है 
अजनबी सबसे करीब लगते है 
फूंककर आशियाँ हँसते है 
यही दिलो को नसीहत करते है 
चाहो कहो दीवाना या आशिक 
हर रोज़ नई  हद से गुज़रते है 
अब्बू कहे या अम्मी समझाए 
बिगड़े ऐसे कहाँ सुधरते है 
रंग-ए-हिना चढ़ जाए दिलपर 
दाग बड़े गहरे पड़ा करते है 
सुर सधे जब मोहब्बत वाला 
राग विलाबल में  तान भरते है 

Tuesday, September 18, 2012

हथेली पे सूरज

हथेली पे सूरज 



अपने हिस्से का 
उगा लिया सूरज
खुश हूँ तुमने 
पा लिया सूरज 
कितनी बार 
बादलो ने 
छुपा लिया सूरज 
खुश हूँ तुमने 
पा लिया सूरज 
किस्मत ने 
जब दबा लिया सूरज 
खुश हूँ तुमने 
पा लिया सूरज 
सोनल 

Tuesday, September 11, 2012

एक बात कहूं गर करो यकीं



(पुरानी डायरी के पन्नो से ......)
एक बात कहूं  गर करो यकीं
ऐसा पहले कुछ हुआ नहीं
जैसा पल पल अब होता है
जैसा हर पल अब होता है
मैं जगते जगते सोती हूँ
और सोते से जग जाती हूँ
रातों को  करवट लेती हूँ
ना जाने क्यों मुस्काती हूँ
अन्जानी सी सिरहन कोई
भीतर से अक्सर उठती है
जो कह देते हो बात कोई
क्यों मेरी आँखे झुकती हैं
जादू तो तुमने किया नहीं
ख़ामोशी मैं सुन लेती हूँ
गुमसुम सी  मैं हो जाती हूँ
लगता है कुछ पा जाती हूँ
खुद जाने क्यों खो जाती हूँ
पूछूं गर तो सच कहना
प्यार यही तो होता है :-)



--
Sonal Rastogi


Friday, September 7, 2012

हैप्पी ब'डे सोनल ... लव यू

एक थोड़ा उनींदा और जागा दिन ...कुछ अलसाया सा एक बार पंख समेटकर वापस सोने की कोशिश पर परिंदों को तो घोसला छोड़ना ही होता है हर सुबह दाने की तलाश में , आसमां में छाये बादल ..तेज चलती ठंडी हवा कुछ लम्हे सिर्फ और सिर्फ अपने साथ ...पता नहीं, हर साल इस milestone पर क्या पाया क्या खोया टाइप की फीलिंग आती है पर आज नहीं आज का मौसम मेरे मूड को कॉम्प्लीमेंट कर रहा है ...नया दिन नया फोन ..और अभी तक सारे contact एक्सपोर्ट नहीं किये है , लोगों को उनकी आवाजो से पहचानना ..उनकी आवाजों के उल्लास को महसूस करना साथ में खुद को जीने की आशा दिलाना हां तुम ख़ास हो बहुत ख़ास ... ऑफिस के रास्ते छाई हुई हरयाली खरपतवार ...जो कहीं भी जड़े जमाकर पनप जाती है उनका जन्मदिन तो कोई नहीं मनाता चलो मैं तुम्हे विश करती हूँ, पहले इस बात से परेशानी होती थी अमुक को ये दिन याद नहीं रहा ..पर अब तसल्ली होती है चलो अच्छा है याद नहीं रहा ..कभी कभी कुछ भूल भी जाना चाहिए बरसों बरस इस दिमाग की सफाई नहीं हुई है कुछ गठरियाँ निकाल कर फेंक देती हूँ यादों के पुलिंदे आर्काइव कर देती हूँ ...अगले साल में नए खयालो के वास्ते जगह बना पाऊं अभी तो लिखना है ,हँसना है हसाना है ..ज़िन्दगी कैसी भी हो पर ज़िन्दगी को ख़ूबसूरती से जीना है ...हैप्पी ब'डे सोनल ... लव यू