कुछ तुम पागल
कुछ मैं पागल
साथ बटोरें
चल कुछ बादल
कभी तुम अंधड़
कभी मैं बिजली
कहीं तुम गरजे
कहीं मैं तड़की
जब तुम रूठे
कुछ तुम बरसे
जब मैं बिगड़ी
कुछ मैं पिघली
तेरी बाते
जामुन जामुन
मेरी बाते
इमली इमली
दिन बीता
तुझे मनाते
रूठी रूठी
रात भी छिटकी
आओ अब तो
साथ निभाओ
कहती है
पाँव की चुटकी
दिन बीता
तुझे मनाते
रूठी रूठी
रात भी छिटकी
आओ अब तो
साथ निभाओ
कहती है
पाँव की चुटकी